Pulwama Terror Attack: खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीने पुंछ के रास्ते जैश-ए-मोहम्मद के 15 आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की थी। इन्ही आतंकियों में कामरान भी शामिल था जो कथित तौर पर स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए उपकरण और अन्य विस्फोटक लेकर पहुंचा था। पाकिस्तान में रहने वाला जैश का आतंकी अब्दुल रशीद गाजी दिसंबर 2018 में कश्मीर में दाखिल हुआ
पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान की धरती से ऑपरेट होने वाले जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) के आतंकी अब्दुल रशीद गाजी और कामरान हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक यह दोनों जैश आतंकी कमांडर हैं और इनकी ट्रेनिंग के बाद ही आत्मघाती हमले को अंजाम दिया गया. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीने (दिसम्बर-जनवरी) पुंछ के रास्ते जैश-ए-मोहम्मद के लगभग पंद्रह आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की थी. इन्ही आतंकियों में कामरान भी शामिल था जो कथित तौर पर स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए उपकरण और अन्य विस्फोटक लेकर पहुंचा था.
जैश-ए-मोहम्मद ने अब्दुल रशीद गाजी को कश्मीर में बड़ा हमला करने को कहा था
इंटेलीजेंस एजेंसियों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तानी कमांडर अब्दुल रशीद गाजी को कश्मीर में बड़ा हमला करने को कहा था. हालांकि, जैश यह भी चाहता था कि इस हमले में स्थानीय कश्मीरी युवकों का इस्तेमाल किया जाए.
हम आपको बता दें कि पिछले साल कश्मीर में आतंक के रास्ते पर भटके कई युवा ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ के तहत सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके हैं. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर की बहन का बेटा तल्हा और भाई का बेटा उस्मान भी शामिल थे. दक्षिण कश्मीर में सेना के ऑपरेशन में यह दोनों आतंकी मार गिराए गए थे.
सूत्रों का यह भी कहना है कि पुलवामा हमले में कश्मीरी युवकों का इस्तेमाल इसलिए किया गया, ताकि उसे देखकर बाकी युवक जिहाद के लिए तैयार हो सकें. साथ ही भारत मे सिलसिलेवार फिदायीन हमले की शुरुआत करना भी था.