JNU विवाद : जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में हुए विवाद के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को हिंसा में शामिल 9 लोगों की तस्वीर जारी की है। इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष का भी नाम, 5 जनवरी को पेरियार हॉस्टल में हिंसा में थीं शामिल। हिंसा में शामिल 9 छात्र, जिनकी पहचान हुई उनमें चुनचुन कुमार, योगेंद्र भारद्वाज, आइशी घोष, पंकज मिश्रा, प्रिया रंजन, विकास पटेल, डोलन हैं। चिह्नित छात्रों को अभी हिरासत में नहीं लिया गया है। उन्हें नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
Dr. Joy Tirkey, DCP/Crime, Delhi Police on #JNUViolence: No suspect has been detained till now, but we will begin to interrogate the suspects soon. pic.twitter.com/WtpqVvx1nb
— ANI (@ANI) January 10, 2020
वहीं, तस्वीर जारी होने के बाद JUN छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मुझे हमारी कानून-व्यवस्था पर पूरा यकीन है कि इसकी जांच निष्पक्ष होगी। और मुझे न्याय मिलेगा। वही दिल्ली पुलिस ने बताया कि विवाद के केंद्र में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन था जिसका लेफ्ट से जुड़े छात्र विरोध कर रहे थे। पुलिस ने 1 जनवरी से 5 जनवरी के बीच रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए सर्वर को पूरी तरह से बर्बाद करने से लेकर पेरियार और साबरमती हॉस्टल में हुई हिंसा तक की घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा भी दिया। क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि 5 जनवरी को कैंपस में हिंसक घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि दोपहर में पेरियार हॉस्टल में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों को चुन-चुनकर मारा। हमलावरों की भीड़ में JNU प्रेसिडेंट आइशी घोष भी थीं। इसके बाद शाम को साबरमती हॉस्टल में नकाबपोश हमलावरों ने हिंसा और तोड़फोड़ की। इसमें भी अभी कुछ छात्रों की पहचान हुई है।
क्राइम ब्रांच के DCP जॉय टिर्की ने कहा कि विवाद की जांच को लेकर कई तरह की गलत जानकारी फैलाई जा रही है। 1 जनवरी से लेकर 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन होना था। हालांकि SFI(स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया), AISA, (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन) AISF (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन) और DSF (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन) छात्र संगठनों ने छात्रों को रजिस्ट्रेशन करने से रोका। कैंपस में रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को धमकाया जा रहा था। इसके बाद हिंसा लगातार बढ़ती गयी और 5 जनवरी को पेरियार व साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में हमला किया गया। JNU में हिंसा करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाए गए। नकाबपोश हमलावर जानते थे कि उनको किस-किस कमरे में जाना है। JNU विवाद के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं। हालांकि पुलिस ने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है। इसको लेकर पुलिस ने 30-32 गवाहों से भी बातचीत की है।
न्यूज़ डेस्क – ग्रेट नेशन न्यूज़